शवासन के फायदे, लाभ, विधि व सावधानियां | Savasana Benefits in Hindi

savasana benefits in hindi : एक्सरसाइज या योगासनों के अभ्यास के बाद आखिर में शरीर की थकान व दर्द को दूर करने के लिए शवासन किया जाता है। सभी आसनों के अभ्यास के बाद अंत में शवासन जरूर करना चाहिए, इसके बगैर योगा सेशन को अधूरा माना जाता है। साथ ही शवासन (savasana in hindi) को योग के सबसे आसान आसनों में से एक माना जाता है। लेकिन यह दिखने में जितना आसान लगता है उतना है नहीं। शवासन के दौरान भी आपको कई सावधानियां बरतनी होती है।

शरीर को जिस प्रकार पूरा दिन काम करने के बाद रात को आराम की जरूरत होती है, ठीक उसी प्रकार योगाभ्यास के बाद भी शरीर को आराम की आवश्यकता होती है, जिससे वह फिर से तारो ताजा होकर काम मे लग सके। योगासन के अभ्यास के बाद शरीर को यह आराम शवासन (shavasana) करने से प्राप्त होता है। यह पूरी बॉडी और मस्तिष्क को आराम व शांति प्रदान करता है।

शवासन (savasana in hindi) करने से शारीरिक व मानसिक थकान दूर होती है और साथ ही दिमाग में चल रहे निकरात्मक विचार भी दूर होते हैं। अमूमन शवासन का अभ्यास योग सेशन के अंत में सभी आसनों के बाद किया जाता है, लेकिन दिन में जब भी आपको थकान महसूस हो तब भी आप शवासन का अभ्यास कर सकते हैं। आगे हम शवासन के फायदे (savasana benefits in hindi), विधि व शवासन की सावधानियां जानेंगे।

शवासन क्या है – Savasana in Hindi

शवासन (shavasana) संस्कृत भाषा के दो शब्दों ‘शव’ और ‘आसन’ से मिलकर बना है। शव का अर्थ ‘मर्तक शरीर‘ और आसन का अर्थ ‘योग मुद्रा‘ है। शवासन योग में जमीन में सीधा इस प्रकार लेटना होता है जैसे शरीर मे कोई जान न बची हो या जिस प्रकार एक मर्त शरीर जमीन पर पड़ा रहता है। इस आसन में शरीर का कोई भी अंग हिलना नहीं चाहिए, केवल आपकी सांसे चलेंगी और आपका ध्यान एक जगह पर केंद्रित होना चाहिए।

कहा जाता है कि पुराने समय में जब हमारे ऋषि मुन्नी इस आसन का अभ्यास करते थे तो वो सांप के काटने पर भी इस आसन से बाहर नहीं निकलते थे। आपको ऐसा नहीं करना है पर इस कथन से इस आसन की उपयोगिता साफ हो जाती है कि शवासन कितना महत्वपूर्ण और लाभकारी आसन है। कुछ लोग शवासन की मेडिटेशन (ध्यान) से भी तुलना करते हैं, इसके बारे में हम आगे जनेंगे, पहले शवासन के लाभ (shavasana benefits in hindi) जान लेते हैं।

शवासन के फायदे – Savasana Benefits in Hindi

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1. तनाव व चिंता दूर करें 

तनाव और चिंता से दूर रहने के लिए शवासन (savasana in hindi) एक बेहतरीन योगासन है, शवासन करने से मन को शांति और दिमाग को आराम मिलता है जिससे तनाव व चिंता दूर होती है। दिमाग और शरीर को रेस्ट देने के लिए इस यह आसन बेहद फायदेमंद होता है। 

2. शारीरिक और मानसिक आराम

शवासन (savasana) शारीरिक और मानसिक थकावट को दूर करने का काम करता है। 5 मिनट शवासन करने से शरीर की दिनभर की थकावट दूर होती है साथ ही इससे मस्तिष्क को भी आराम मिलता है। एक्सरसाइज व योगासनों के अभ्यास के बाद मांसपेशियों, हड्डियों व शरीर के अन्य अंगों को आराम देने के लिए शवासन काफी लाभप्रद होता है।

3. याददास्त बढ़ाने में लाभकारी 

याददास्त व दिमाग को तेज करने के लिए भी शवासन के फायदे (savasana benefits in hindi) अच्छे हैं। नियमित इस आसन के अभ्यास से दिमाग की शक्ति बढ़ती है और वह पहले से ज्यादा अच्छे तरीके से कार्य करता है। स्टूडेंट्स के लिए भी शवासन काफी अच्छा होता है।

4. शरीर में ऊर्जा बढ़ाए

शरीर में ऊर्जा बढ़ाने के लिए भी शवासन योग (savasana in hindi) लाभकारी होता है, इसके अभ्यास से शरीर से आलस दूर भागता है और शरीर की एनर्जी बढ़ने लगती हैं। जब भी थकावट महसूस हो और शरीर में एनर्जी की आवश्यकता हो तब 10 से 15 मिनट शवासन जरूर करें और फिर इसकी शक्ति देखें।

5. अनिद्रा के लिए शवासन के फायदे

अनिंद्रा यानी नींद न आने की परेशानी के लिए भी शवासन लाभकारी (savasana ke fayde) होता है। शवासन से शरीर और मन दोनों को आराम मिलता हैं जिसकी वजह से अच्छी नींद आने में सहायता मिलती हैं। तनाव और चिंता के कारण भी नींद न आने की परेशानी हो सकती हैं, जो शवासन के कारण दूर होती हैं।

शवासन करने का तरीका – How to do Shavasana (Corpse Pose) in Hindi

  • शवासन करने के लिए सबसे पहले किसी शांत व खुली जहग का चुनाव करें, जहाँ आपको कोई डिस्टर्ब न कर सके।
  • योगा मैट या कोई भी साफ कपडा, चादर या चटाई जो भी आपके पास हो, उसे जमीन पर बिछा लें।
  • मैट पर बैठकर सबसे पहले थोड़ी देर रिलैक्स करें और अपनी सांसों की गति को सामान्य करें। 
  • उसके बाद पीठ के बल मैट पर सीधा लेट जाएं।
  • आपकी दोनों टांगों के बीच थोड़ा गैप होना चाहिए। 
  • दोनों हाथ जमीन पर शरीर से थोड़ा दूर होने चाहिए, हथेलियों को खुला ऊपर की ओर रखें। 
  • अपनी दोनों आंखें बंद कर लें और आपने शरीर को  एक आरामदायक स्थिति में लाएं।
  • अब धीरे धीरे सांस ले और अपना पूरा ध्यान सांसों पर ही रखे, जिस गति से सांस ले, उसी गति से सांस बाहर छोड़ें। 
  • मन में किसी भी तरह की ख्याल नहीं आने चाहिए और अपने दिमाग को केवल एक जगह केंद्रित करने की कोशिश करें। 
  • इस आसन में आपको नींद भी आ सकती हैं मगर आपको सोना नहीं हैं। 
  • कम से कम 10 मिनट इस आसन में जरूर रहे, अगर आपके पास समय हो तो आप 20 से 30 मिनट तक भी रुक सकते हैं। 
  • अंत में धीरे धीरे आंखें खोलकर इस आसन से बाहर आ जाएं।

शवासन की सावधानियां – Precautions of Shavasana in Hindi

शवासन कैसे किया जाता है या शवासन की विधि जानने के बाद यह जानना भी जरूरी है की शवासन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे की शवासन के पूरे लाभ प्राप्त हो सकें।  

  • शवासनकरते समय ध्यान दें की आपके शरीर का कोई भी अंग हिलना नहीं चाहिए, इस आसन में आपका शरीर एक मर्त शरीर की तरह एकदम शांत रहना चाहिए, आपकी केवल सांसें चलनी चाहिए।
  • शवासन करने से पहले पेशाब व पेट साफ कर लें, ताकि आसन करते समय आपको कोई परेशानी न हों। 
  • शवासन में अपना पूरा ध्यान किसी एक जगह लगा कर रखें, आपको अपने ध्यान को इधर उधर भटकने नहीं देना हैं। 
  • कुछ लोग शवासन करते समय गहरी नींद में चले जाते हैं, जो शरीर के लिए बुरा तो नहीं हैं मगर इससे आप शवासन के फायदे से वंचित रह सकते हैं।
  • शवासन एक शांत जगह पर ही करें, जहाँ आपको कोई डिस्टर्ब करने वाला न हो। अगर आप ज्यादा शोर वाली जगह पर शवासन करेंगे तो आपका ध्यान बार बार इधर उधर भटक सकता हैं।

शवासन करने का सही समय – Shavasana Karne Ka Sahi Samay

शवासन का अभ्यास सभी योगासन के बाद अंत में करना ज्यादा फायदेमंद होता हैं। इससे शरीर को आराम मिलता हैं और शरीर की सारी थकावट दूर हो जाती हैं। अगर आप एक्सरसाइज करते हैं तो एक्सरसाइज के बाद शवासन कर सकते हैं। इसके साथ ही जब भी आपको शरीर में थकावट महसूस हो या काम की वजह से ज्यादा तनाव बढ़ने लगे तब भी आप शवासन (savasana) कर सकते हैं।

शवासन कितनी देर करना चाहिए

शवासन आप अपनी क्षमता के अनुसार 2 मिनट से 30 मिनट तक कर सकते हैं। शवासन के फायदे (benefits of savasana in hindi) प्राप्त करने के लिए कम से कम 5 मिनट तक इसका अभ्यास अवश्य करें। जितनी ज्यादा देर तक आप शवासन की स्थिति में रहेंगे उतना बॉडी और दिमाग को आराम मिलेगा जिसका लाभ शरीर को होगा। योगासन के बाद कम से कम 5 मिनट और अलग से समय निकलकर 10-30 मिनट तक शवासन का अभ्यास किया जा सकता हैं। 

शवासन और मेडिटेशन (ध्यान) के क्या अंतर है  

मेडिटेशन और शवासन दोनों ही अलग चीजें हैं, दोनों की तुलना करना सही नहीं हैं और दोनों की अपनी अपनी विशेषताएं हैं। मेडिटेशन और शवासन में कई चीजें एक समान है और कई चीजें एक दूसरे से भिन्न हैं। जैसें मेडिटेशन और शवासन में ध्यान एक जगह केंद्रित रहना चाहिए। 

ध्यान हमेशा बैठकर किया जाता है जिसमें कमर का एकदम सीधा होना आवश्यक होता है जबकि शवासन (shavasana in hindi) लेट के किया जाने वाला आसन है। मेडिटेशन का मुख्य कार्य मन में चल रहे बुरे ख्याल या नकरात्मक विचारों को दूर करके मन और दिमाग को थोड़ा आराम देना होता है, जबकि शवासन का मुख्य कार्य शरीर को आराम देने का होता है, जिससे शरीर की थकावट दूर हो सके।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – FAQs

शवासन किस आसन की श्रेणी में आता है?

शवासन हठयोग की श्रेणी में आता है। यह शारीरिक व मानसिक तनाव को दूर करता है।

शवासन कितनी देर करना चाहिए?

शवासन का अभ्यास आप 5 मिनट से लेकर 30 मिनट तक कर सकते हैं। आप जितनी देर इस आसन में रहेंगे आपको उतना ही अच्छा परिणाम मिलेगा।

क्या रात को सोने से पहले शवासन कर सकते हैं?

जी हाँ आप रात को सोने से पहले भी शवासन का अभ्यास कर सकते हैं, इससे आपकी नींद की गुणवत्ता में भी सुधार होगा और मन में चल रहे नकरात्मक भाव दूर होंगे।

शवासन में आंखे बंद होनी चाहिए या खुली हुई होनी चाहिए?

जैसा आपको उचित लगे, आप शवासन में आंखे बंद भी रख सकते हैं या फिर आंखों को एक जगह केंद्रित करके खुली भी रख सकते हैं। मन की शांति के लिए आंखे बंद ही रखे तो उचित होगा।

शवासन के दौरान नींद से बचने के लिए क्या करना चाहिए?

शवासन में नींद से बचने के लिए आप धीरे-धीरे लंबी सांस लेते और छोड़ते रहें और अपना पूरा ध्यान सांसों पर ही केंद्रित रखें। साथ ही आप आंखों को खुला भी रख सकते हैं।

निष्कर्ष – Conclusion

देखा जाए तो शवासन (savasana in hindi) दिखने में जितना आसान व सरल लगता है उतना आसान है नहीं। साथ ही शवासन के लाभ शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे हैं। शवासन का एक बड़ा लाभ यह भी है कि इस आसन का अभ्यास लगभग सभी लोग कर सकते हैं। चाहे शरीर बहुत ज्यादा कमजोर हो या फिर शरीर का बहुत ज्यादा वजन हो दोनों ही स्थिति में इस आसन का अभ्यास लाभकारी ही होता है।

उम्मीद है कि इजी लाइफ हिंदी का यह आर्टिकल शवासन के फायदे (savasana benefits in hindi) आपको पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में हमने जाना की शवासन क्या हैं, शवासन कैसे किया जाता हैं, शवासन करते समय किन बातों का ध्यान रखें और शवासन किस प्रकार मेडिटेशन से भिन्न हैं।

Disclaimer : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं हो सकता। इजी लाइफ हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है, इस तरह के किसी भी उपचार, दवा, डाइट इतियादी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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